तमिलनाडु के शक्तिपीठ
तमिलनाडु के शक्तिपीठ
दोस्तों मैं R.K. आज आपके
लिये तमिलनाडु के शक्तिपीठों की जानकारी लेकर उपस्थित हुआ हूँ. यह राज्य भी माता
की आराधना का एक प्रमुख केंद्र है यहाँ कन्याकुमारी का मंदिर है. जिनकी आज मैं
आपको जानकरी दे रहा हूँ. उम्मीद करता हूँ की ये जानकारी आपके लिए ज्ञानवर्धक होगी.
शुचि:-
तमिलनाडु में तीन महासागरों के संगमस्थल
कन्याकुमारी से १३ किलोमीटर दूर शुचीन्द्रम मैं स्थाणु शिव का मंदिर हैं उसी मंदिर
में यह शक्तिपीठ स्थित हैं कन्याकुमारी एक अंतरीप है यह भारत की अंतिम दक्षिण सीमा
है यहाँ देवी के ऊपर के दांत गिरे थे यहाँ की शक्ति ‘नारायणी’ और भैरव ‘संहार’ या
‘संक्रुर’ हैं.
रत्नावली:-
यह शक्तिपीठ चेन्नई के पास है , परन्तु स्थान
अज्ञात है यहाँ देवी का दाहिना स्कंध गिरा था यहाँ की शक्ति ‘ कुमारी’ और भैरव
‘शिव’ हैं.
कन्याकाश्रम या कन्याकुमारी:-
तमिलनाडु में तीनोंमहासागरों के संगम स्थल पर
कन्याकुमारी का मंदिर है उस मंदिर में भाद्रकाली का भी मंदिर है ये कुमारी देवी की
सखी हैं , उनका मंदिर ही शक्तिपीठ हैं यहाँ देवी का प्रषठभाग गिरा था यहाँ की
शक्ति ‘शवारनि’ और भैरव ‘निमिष’ हैं
कांची:-
तमिलनाडु में कांजीवरम स्टेशन के समीप ही
शिवकांची नमक एक बड़ा नगर भाग है यहाँ भगवान् एकाम्रेश्वरशिव का मंदिर है यहाँ
स्टेशन से थोड़ी दूर पर कामाक्षी देवी का विशाल मंदिर है मुख्या मंदिर में भगवती
त्रिपुरसुन्दरी की प्रतिमूर्ति कामाक्षी देवी की प्रतिमा हैइस मंदिर को दक्षिण का
सर्वप्रधान शक्तिपीठ माना जाता है यहाँ देवी देह का अस्थिपिंजर गिरा था यहाँ की
शक्ति ‘देवगर्भा’ और भैरव ‘रुरु’ हैं.
टिप्पणियाँ
एक टिप्पणी भेजें